31 दिसंबर 2025 - 15:36
सऊदी-अमीरात का तनाव, अमेरिका और इस्राईल की जीत 

खाड़ी देशों की सबसे बड़ी भूल यह सोचना था कि इस्राईल और अमेरिका उनकी रक्षा करेंगे, जिसके चलते उन्होंने खुद को पूरी तरह फिलिस्तीन के मुद्दे से अलग कर लिया। अब यह आग उन्हें भी अपनी लपेट में ले सकती है।

अरब जगत के मशहूर विश्लेषक अब्दुलबारी अतवान ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के बीच बढ़ते तनाव को खाड़ी सहयोग परिषद के बिखरने की शुरुआत बताते हुए कहा कि इस तनाव के असली विजेता अमेरिका और इस्राईल होंगे, जो दोनों पक्षों से महंगे हथियार सौदे करेंगे।
अतवान ने अपने लेख में कहा कि यह एक अमेरिकी-जायोनी प्रोजेक्ट है, जिसका समर्थन अमीरात और सऊदी अरब ने चाहे-अनचाहे किया। इस नए और अप्रत्याशित संघर्ष के नतीजे अलग होंगे और हो सकता है कि कोई विजेता ही न रहे।
उन्होंने हज़्रमौत के अल-मुकल्ला बंदरगाह पर सऊदी लड़ाकू विमानों द्वारा दो अमीराती जहाजों पर बमबारी की घटना का उल्लेख किया, जो अलगाववादी दक्षिणी परिवर्तन परिषद के लिए सैन्य उपकरण ले जा रहे थे। इससे स्पष्ट है कि रियाज़ वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।
अतवान ने चिंता जताई कि क्या यह संघर्ष फैलेगा और अन्य खाड़ी एवं वैश्विक देशों को भी अपनी चपेट में लेगा? क्या सऊदी अरब हज़्रमौत, अल-मुहरा, सियून और अंततः अदन जैसे दक्षिणी यमनी शहरों पर नियंत्रण के लिए अपनी सेना भेजेगा?
उन्होंने कहा कि अमेरिका और इस्राईल इस तनाव से लाभ उठाएंगे और इसे जारी रखना चाहेंगे ताकि दोनों पक्षों पर दबाव बनाकर उनके साथ हथियार समझौते कर सकें। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों की सबसे बड़ी भूल यह सोचना था कि इस्राईल और अमेरिका उनकी रक्षा करेंगे, जिसके चलते उन्होंने खुद को पूरी तरह फिलिस्तीन के मुद्दे से अलग कर लिया। अब यह आग उन्हें भी अपनी लपेट में ले सकती है।

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